न्यूज फार यू (नई दिल्ली) : स्मार्टफोन ने इंसान के जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है। काम करना हो या फिर खुद को एंटरटेन करना हो, ज्ञान लेना हो या फिर कुछ खरीदारी करनी हो स्मार्टफोन ने हर चीज को आसान बना दिया है। आज बाजार में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के साथ तरह-तरह के स्मार्टफोन्स उपलब्ध हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि बीते एक दशक में केवल स्मार्टफोन ने ही टेक्नोलॉजी के मामले में विस्तार देखा है और इंडस्ट्रीज भी टेक्नोलॉजी के मामले में एडवांस हो चुकी हैं। TV इंडस्ट्रीज भी उनमें से एक है। शुरुआत में हमने ब्लैक एंड व्हाइट और उसके बाद रंगीन TV का दौर देखा। धीरे-धीरे TV का डिजाइन और उसका डिस्प्ले बदलता गया। पिछले एक दशक में अलग-अलग तरह की टेक्नोलॉजी ने लोगों के TV व्यू एक्सपीरियंस को ही पूरी तरह से बदल दिया है। LED (Light Emitting Diodes)- को समझने के लिए सबसे पहले आपको LCD (Liquid Crystal Display) को समझना होना। LCD TV फिलहाल बाजार में आपको कम ही देखने को मिलेगा। यह एक प्रकार का फ्लैट पैनल डिस्प्ले है, जो इमेज को प्रोड्यूस करने के लिए लिक्विड क्रिस्टल का उपयोग करता है। यह बैक डिस्प्ले लाइटिंग के लिए CCFL का उपयोग करता है। वहीं बात करें LED की तो यह LCD से एडवांस है। इसमें बैक डिस्प्ले लाइटिंग के लिए LED पैनल का उपयोग किया जाता है। यह LCD से बहुत पतला और कम बिजली की खपत करता है। QLED (Quantum dot LED)- यह टेक्नोलॉजी LED से थोड़ा एडवांस है। इसमें स्क्रीन और एमिटिंग डायोड के बीच में क्वांटम डॉट कलर पैनल या फिल्टर दिया जाता है, जिससे TV पर अच्छे कलर देखने को मिलते हैं। यह टेक्नोलॉजी बैकलाइट को बेहतर बनाने के लिए फॉस्फोरसेंट क्रिस्टल का उपयोग करती है। OLED (Organic Light Emitting Diodes)- यह बहुत ही महंगी और एडवांस टेक्नोलॉजी है। इस टेक्नोलॉजी को आप आजकल स्मार्टफोन में भी देखते हैं। इसमें हर एक पिक्सल की अपनी लाइटिंग होती है। मतलब जो कलर आपको दिखाना है, वही कलर आपको दिखेगा, जिसकी वजह से व्यू एक्सपीरियंस काफी अच्छा हो जाता है। साथ ही, TV काफी पतला हो जाता है और पॉवर की भी खपत कम हो जाती है। टेक्नोलॉजी से जुड़ी कोई भी कंपनी हो उसका एक ही मकसद होता है, यूजर्स के एक्सपीरियंस को शानदार बनाया जाए। इस मामले में realme काफी आगे निकल चुका है। इसने SLED को विकसित करके TV यूजर्स को लाजवाब और बेमिसाल व्यू एक्सपीरियंस दिया है। SLED डिस्प्ले टेक्नॉलॉजी realme और SPD टेक्नोलॉजी (स्पेक्ट्रल पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन) के मुख्य वैज्ञानिक जॉन रूयमांस द्वारा सह-विकसित की गई है। TV ब्लैकलाइट के लिए SPD तकनीक अपनाने से SLED TV में हमें लो ब्लू लाइट के साथ अल्ट्रा-वाइड कलर गमुट मिलेगा और आंखों की देखभाल भी होगी। SLED डिस्प्ले RGB बैकलाइट टेक्नोलॉजी पर आधारित है। स्वभाव में व्हाइट लाइट RGB प्राइमरी कलर द्वारा निर्मित होता है, जो लाल, हरा और नीला है। इसी के आधार पर विकसित किया गया SLED डिस्प्ले SPD टेक्नोलॉजी के साथ अधिक नेचुरल व्यू एक्सपीरियंस देता है। जबकि QLED सहित अधिकांश LED TV केवल ब्लू बैकलाइट का उपयोग करते हैं, जो बाद में सफेद रंग में बदल जाता है। SLED शुरुआत में लाल, हरे और नीले LED लाइट का उपयोग करता है, इसलिए ब्लू लाइट के हानिकारक प्रभावों को कम करता है और अच्छे कलर प्रदान करता है। इस प्रकार SLED, QLED की तुलना में अधिक वाइड कलर गमुट देता है और आंखों को सुरक्षा भी।