न्यूज फॉर यू (जयपुर) : आज तकनीक ने शिक्षा और शिक्षक बदल दिए है। टीचर की भूमिका बहुभांति और नई संभावनाओं से भरी हुई है। प्रो डॉ के.के. रत्तू शिक्षाविद निर्देशक स्कूल ऑफ मीडिया जीएनडीयू पूर्व 30 महानिदेशक दूरदर्शन भारत सरकार, देश के जाने माने लेखक मीडिया विशेषज्ञ तथा शिक्षा शास्त्री प्रो डॉ के.के. रत्तू का मानना है कि टीचर्स डे पर हम सब अध्यापकों और शिक्षा से जुड़े तमाम लोगों को शपथ लेनी चाहिए कि हम सब करोना काल में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा है कि टीचर्स की भूमिका के अर्थ बदल गए हैं और नई संभावनाओं का एक नया संसार हमारे सामने खुल गया है। अब हमें सोचना है कि हम इस संकट के दौर से गुजर रहे समाज और देश के लिए, अपने बच्चों विशेषकर विद्यार्थियों को क्या नया दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह तकनीक का युग है और इससे हमें ज्ञान और शिक्षा के अर्थों की एक नई भूमिका तैयार की है।
पूर्व में दूरदर्शन के महा निरीक्षक रह चुके और जालंधर के डीएवी यूनिवर्सिटी के निर्देशक मीडिया के पत्रकारिता संकाय के निर्देशक रहे डॉ प्रो रत्तू देश के उन विरले प्रख्यात विद्वानों में से एक हैं जो मीडिया और तकनीक ज्ञान को एक दुनिया और नए समाज के साथ जोड़कर देखते हैं और उनका मानना है कि अभी इस समय अध्यापक की भूमिका महज बच्चों को पढ़ाने तक सीमित नहीं रह गई। परंतु आज इस बात की आवश्यकता है कि एक नए समाज के सृजन के लिए हम लोग एकजुट होकर ज्ञान और शिक्षा के लिए सामने आए और आत्मनिर्भर भारत के लिए अपनी पीढ़ी को तैयार करके एक नया भारत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका को सार्थक करें।
पिछले 50 वर्षों से पत्रकारिता और मीडिया के साथ शिक्षा एवं संस्कृति से जुड़े हुए प्रो रत्तू का यह भी मानना है कि यह दुनिया संभावनाओं की है और यही आपको पॉजिटिव शक्ति के साथ आगे ले जा सकती है। प्रो डॉ रत्तू के अनुसार शिक्षक दिवस का दिन इतना पवित्र और महान है जब हम शिक्षा और ज्ञान पर ध्यान दे सकते हैं और शिक्षक दिवस का दिन इस बात को भी समर्पण करना चाहिए कि हमारा भविष्य और बच्चे सुरक्षित रहें और हम उन्हें ज्ञान की रोशनी में अच्छे नागरिक बनने में मदद करें। नव निर्माण की प्रक्रिया तेजी से होना और करना हमारा संकल्प होना चाहिए। उन्होंने इस पावन दिवस पर सभी अध्यापकों और बच्चों के अभिभावकों से विनम्र निवेदन किया है कि वे भी इस संकट भय करोना काल में मिलकर शिक्षा के बारे और टीचरों के बारे में सोचें जो कभी ऑफलाइन थे आज ऑनलाइन तकनीक शिक्षा को बच्चों के घर घर में पहुंचा रहे हैं।